देवदह ब्यूरो नई दिल्ली ।
करोना नामक वायरस अथवा 5G के टेस्टिंग के कारण लोगों की हो रही मौत जो रहस्य का विषय बना हुआ है । इस महामारी को लेकर लोगो में चर्चाओं का बाजार गर्म है । वही यह महामारी सन 1918 में आये स्पैनिस फ्लू व 1938 मे ,,तावन,, को ताज़ा कर रही है जिससे लोगों के दिमाग में आशंकाएँ घर कर रही है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की हो रही अकारण मौत को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है । कुछ लोग इसे कोरोना नामक वायरस का संक्रमण मान रहे हैं तो कुछ इसे संचार के माध्यम 5G की हो रही टेस्टिंग बता रहे है परन्तु सच्चाई समझ से परे है ।
Advertisment
बिश्वत सूत्रों की माने तो करोना मात्र ग्लोबल घोटाला है शहरों में घनी आबादी एवं वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने व सीने में दर्द खाँसी की शिकायत आम बात होती है और लोग बीमार हो जाते है जिसे करोना बताकर सरकार अपने काले कारनामो को छूपाना चाहती है और छुपा भी लेती है । परंतु माजरा कुछ अलग ही है । सूत्रों ने यह भी बताया कि यह सरकार हर मामले में विफल है चाहे वह देश के आन्तरिक सुरक्षा का मामला हो या वह महिला सुरक्षा,स्वास्थ सुरक्षा का मामला हो सरकार हर मोर्चे पर बिफल साबित हो रही है । और करोना के नाम पर लॉक डाउन के आड़ में अपने काले कारनामे छुपा कर लोगों का दमन करने पर लगी हुई है। ताकि सरकार से कोई सवाल न पूछे
बताते चलें कि सन 1918 के दसक में स्पेनिश फ्लू तथा 1938 मे , तावन,, का जोर था और लोग अकाल मौत मर रहे थे और लोगों में दहसत का माहौल था कमो बेस आज वही मन्जर सामने है और सरकार से लेकर नौकर शाह तक सभी खामोश बैठे हुये हैं।
वही सूत्रों ने बताया की लोगों की हो रही अकारण मौते 5G नेटवर्क का परिणाम है जिसे कोरोंना का बहाना बनाकर सरकार देश के उद्योगपतियों को बचाना चाहती है यह सरकार उद्योगपतियों की सरकार है इसे देश की गरीब जनता से कुछ भी लेना देना नही है।
1918 मे आये स्पैनिश फ्लू व 1938 में आये “तावन” को सुनकर सिहर उठते है लोग , हर घर से निकलती थी लाशे ।
0 Comments