इलाहाबाद - इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने इलाहाबाद की स्नेह लता और अन्य कि जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि सरकारी कर्मचारी अधिकारी किसी किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराते हैं तो उन्हें चिकित्सा भत्ता न दिया जाए हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पताल में अगर सुविधा नहीं उपलब्ध हो तो ही प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी जाए और अस्पताल स्टाफ की रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि 50 फ़ीसदी 4 माह में भर दिए जाएं शेष पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया उसकी अगले 3 महीने में पूरी कर ली जाएगी ।
बीमार चिकित्सा व्यवस्था को स्वस्थ बनाने के लिए अगर कोई सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करता पाया जाए तो उससे सरकार नाम पर किसिंग अलाउंस की वसूली करें और इसकी जांच के लिए विजिलेंस टीम बनाई जाए रेडियो डायग्नोसिस सेंटर और पैथोलॉजी सेंटर की नियमित जांच करने का आदेश दिया।
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