टीबी का कोई लक्षण हो तो छिपाएं नहीं, खुल कर बताएं होगी समुचित इलाज।




हेमन्त कुमार संवाददाता ।


महराजगंज ।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में दो से 11 नवम्बर तक से टीबी क्षय रोगी खोजी अभियान चलेगा। इसके लिए 120 टीम गठित की गयी हैं। प्रत्येक टीम में तीन-तीन सदस्य शामिल होंगे। सभी को टीबी रोगी खोजने के बारे में लिए टिप्स दिए जा चुके हैं। अभियान के दौरान मलिन बस्ती, उच्च जोखिम क्षेत्र, वनग्राम एवं मुसहर गाँव में विशेष फोकस रहेगा।
यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.विवेक श्रीवास्तव ने राजकीय क्षय रोग केन्द्र में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी । उन्होंने जन सामान्य से अपील की है कि यदि टीम के लोग किसी के घर पहुंचे तो टीबी के लक्षण वाले व्यक्ति अपने रोग को छिपाएं नहीं बल्कि खुलकर बताएं। टीबी रोग की पुष्टि होने पर उनका समुचित इलाज होगा।
उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान टीम 11 ब्लाकों के 120 गाँवों ( धानी ब्लाक को छोड़कर) में जाएगी तथा टीबी रोगियों को चिन्हित करेगी। इन गांवों में विशेष रूप से वनग्राम, मुसहर गाँव, उच्च जोखिम क्षेत्र के गांव तथा मलिन बस्ती शामिल हैं।
टीम के लोग जन सामान्य को माइकिंग, पंपलेट, स्टीकर के माध्यम से लोगों को टीबी से बचाव के बारे में लिए जागरूक भी करेंगे। टीबी रोगी के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति ( गैर वेतनभोगी) को 500 रूपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाएंगे। इलाज के दौरान रोगी को भी निक्षय पोषण योजना के तहत प्रतिमाह 500 रूपए दिए जाएंगे ।

अभियान के तहत किसी व्यक्ति का बलगम ॠणात्मक मिलने पर उसका एक्स-रे कराया जाएगा तथा धनात्मक मिलने पर उसकी जांच सीबीनाट मशीन से करायी जायेगी।
टीबी रोग से कैसे करें बचाव:

-परिवार के टीबी रोगी का इलाज शीघ्र कराएं ।
-टीबी रोगी खाँसते समय मुंह पर कपड़ा रखें ।
-टीबी रोगी एक बंद वर्तन में थूकें। उसे जला दें,या जमीन में दबा दें।
-सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं।
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टीबी रोग के लक्षण
-14 दिनों से ज्यादा बुखार
–14 दिनों सें खाँसी आना।
-सीने में दर्द रहना ।
-खाँसी के साथ मुंह से खून आना।
-भूख कम लगना।
-वजन का घटना।
-बच्चों में वजन का न बढ़ना।
-रात में पसीना आना।
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गत वर्ष ठीक हो चुके हैं टीबी के 702 मरीज

जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि पहली जनवरी से 30 सितम्बर 2020 तक टीबी के कुल 1730 मरीज पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 702 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं, अभी भी 1028 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।


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