देवदह ब्यूरो महराजगंज ।
आईटीएम कॉलेज आफ होम्योपैथी फार्मेसी ने बड़े धूमधाम से मनाया डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन की जयंती आईटीएम कॉलेज आफ होम्योपैथिक फार्मेसी के डिप्लोमा इन होम्योपैथिक हमें पैथिक फार्मेसी के विद्यार्थियों ने केएमसी डिजिटल हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन की जयंती मनाई। बता दे सर्वप्रथम डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ कार्यक्रम होम्योपैथिक चिकित्सा विधा के जनक डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन सर के उपलब्धियों उनके द्वारा किए गए इस विधा में कार्यों पर चर्चा होती रही कार्यक्रम में कार्यक्रम में डॉ मेघा पाटिल ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा विधा बड़ी ही कारगर विधा है इसमें शारीरिक और मानसिक लक्षणों के आधार पर ही दवा दी जाती है इसके बाद वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ मोनिका श्रीवास्तव ने कहा कि होम्योपैथी किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करती है होम्योपैथी कोई ऐसी दवाई या नुकसान आधार इलाज विधि नहीं बल्कि इसमें मरीज की मर्ज के लक्षण व मरीज के मन को समझ कर दवाई का चुनाव किया जाता है वह होम्योपैथी दवा इसको मीठी गोलियां कहा जाता है वह तो सिर्फ दवाई देने का एक जरिया होता है और यह दवाई रोग को जड़ से खत्म करने का सामर्थ्य रखती है अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति में जो क्षमता वाली एंटीबायोटिक एंटीवायरल दवा दी जाती है इससे मर्ज में तुरंत राहत तो मिलती है लेकिन शरीर का प्रत्यक्ष तंत्र इम्यून सिस्टम के साथ-साथ लीवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंग भी बुरी तरह प्रभावित होता है। इसके बाद आईटीएम कॉलेज आफ होम्योपैथिक फार्मेसी के प्राचार्य डॉ डीपी सिंह ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा पर लोगों का विश्वास बढ़ रहा है होम्योपैथी आज एक तेजी से बढ़ने वाली चिकित्सा प्रणाली है लगभग पूरी दुनिया में होम्योपैथी चिकित्सा छाई हुई है या एलोपैथिक चिकित्सा के बाद स्थान रखती है यह चिकित्सा प्राकृतिक नियम सिमिलिया सिमिलीबस क्युरेंटूर पर आधारित है जिसका अर्थ है किसी को उसके समान द्वारा ठीक करना इसे ही डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन द्वारा 19वीं सदी की शुरुआत में एक वैज्ञानिक आधार दिया गया था जो दो शताब्दियों से पीड़ित मानवता की सेवा कर रही है इसके बाद केएमसी कॉलेज आफ नर्सिंग के प्राचार्य डॉ भानु प्रिया व अन्य चिकित्सकों ने अपने अपने विचार रखे अंत में कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर देव ने बताया कि यह ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो जटिल से जटिल बीमारियों को किसी दुष्प्रभाव के सुगमता पूर्वक इलाज में सहायता करती है आज वर्तमान में होम्योपैथी द्वारा महिलाओं से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्याएं बच्चेदानी अस्थान गर्भाशय की गाठ बांझपन नपुंसकता पथरी तथा जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज रक्तचाप माइग्रेन थायराइड जैसी बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती है कोरोना महामारी के दौरान होम्योपैथिक यूनिटी बढ़ाने में अत्यंत कारगर साबित हुई है उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्यक्रम केवल होम्योपैथिक चिकित्सा के जनक डॉ हैनिमैन को याद करने का दिन ही नहीं है बल्कि बल्कि जन जन तक पहुंचाने का यह दिन है। इस कार्यक्रम में होम्योपैथिक फार्मेसी के विद्यार्थी मौजूद रहे नेहा गुप्ता और साक्षी पटेल ने विशेष सहयोग किया।
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